यादवों के सम्मान में, यादव मंच मैदान में….

लखनऊ, इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथा वाचको के साथ की गई मारपीट, बाल काटने, और अपमानजनक व्यवहार के विरोध में यादव समाज के प्रमुख संगठन यादव मंच ने बड़ा ऐलान किया है। लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान यादव मंच ने जातिय हिंसा को एक नई शब्दावली से संबोधित किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यादव मंच के राष्ट्रीय संयोजक अनुराग यादव ने बताया कि 21 जून 2025 को इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथा वाचक मुकुट मणि यादव, संत कुमार यादव और श्याम जी कठेरिया के साथ मारपीट की गई। इसके बाद उनके साथ मारपीट, बाल काटने, और अपमानजनक व्यवहार (जैसे नाक रगड़वाना और कथित तौर पर मूत्र छिड़कना) किया गया।

23 जून 2025 को वायरल वीडियो के आधार पर और संत कुमार यादव की तहरीर पर थाना बकेवर में धारा 115(2), 309(2), 351(2), और 352 बीएनएसएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन इसमें एससी एसटी एक्ट नहीं शामिल किया गया। जबकि पीड़ितों में श्याम जी कठेरिया दलित वर्ग से आते हैं और वह नेत्रहीन है।

यादव मंच के राष्ट्रीय संयोजक ने बताया कि आज 5 दिन बीत जाने के बाद भी अन्य आरोपियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिखाई दे रही है। जबकि मामले को रफा दफा करने की नीयत से अनर्गल आरोप पीड़ितों पर लगाए जा रहे हैं। यह कहा गया कि उन्होंने अपनी जाति छुपाई ,अपना सरनेम गलत बताया और यहां तक की महिला से छेड़खानी का आरोप भी पीड़ितों पर लगाया गया। और अब पीड़ितों को न्याय देना तो दूर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जिसमे पीड़ित पक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।

इससे साफ जाहिर है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करते हुए, कहीं ना कहीं जातीय तनाव को बढ़ाने का खेल खेला जा रहा है। पीड़ित पक्ष और उसका परिवार असुरक्षा महसूस कर रहा है। प्रदेश में इस नए तरह के आतंकवाद की शुरुआत हो चुकी है जिसे जातंकवाद कहा जा सकता है। जिसमें व्यक्ति की जाती पूछ कर उसके साथ अभद्र और अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।

यादव मंच के राष्ट्रीय संयोजक अनुराग यादव ने यह मांग की है कि सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। जिसमें एससी एसटी एक्ट को भी शामिल किया जाए। प्रत्येक पीड़ित पक्ष को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। पीड़ित पक्ष और उनके परिवार की सुरक्षा की पुख़्ता व्यवस्था की जाए। यादव मंच के राष्ट्रीय संयोजक ने अपील की है कि प्रदेश में बढ़ते हुए जातिय तनाव और जातीय संघर्ष को रोकने के लिए प्रत्येक समाज के प्रबुद्ध जनों को आगे आना चाहिए।

इसी के साथ यादव मंच इस अन्याय पूर्ण कार्यवाही के विरुद्ध यादव समाज के साथ खड़े हुए हर राजनीतिक दल, राजनीतिक नेता, सामाजिक संगठन और सामाजिक नेताओं का आभार व्यक्त करता है। जिसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद, स्वामी प्रसाद मौर्य आदि नेता प्रमुख रूप से शामिल हैं।

यादव मंच के राष्ट्रीय संयोजक अनुराग यादव ने बताया कि अगर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘यादव समाज के मान-सम्मान की रक्षा’ के लिए प्रदेश भर में एक बड़े आंदोलन की शुरुआत कर देंगे। इसी के साथ अनुराग यादव ने पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के यादव समाज के भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के बयान पर कहा कि यादव समाज को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ने से पूर्व बीजेपी को यह देखना चाहिए कि उसने यादव समाज को प्रदेश में कितनी भागीदारी सत्ता व सरकार में दी है। उन्होंने पूरे प्रदेश का डाटा सामने रखते हुए कहा कि सरकार में कोई भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। मात्र एक मंत्री है वह भी राज्य मंत्री। 75 जिलों में एक भी जिलाधिकारी यादव नहीं है। जबकि 75 जिलों में मात्र एक जिले में कप्तान यादव है। उत्तर प्रदेश में किसी भी प्रमुख विभाग का विभाग अध्यक्ष यादव समाज से नहीं है। अगर बीजेपी यादव समाज को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ना चाहती है तो उसे सत्ता और सरकार में यादव समाज को भागीदारी, हिस्सेदारी देनी पड़ेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस तो संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से यादव मंच के सहसंयोजक डॉ मुकेश यादव, डॉक्टर दिलीप यादव, एसपी यादव व प्रवक्ता अरविंद यादव शामिल रहे।

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