दत्तात्रेय होसबाले को पुन: आरएसएस का सरकार्यवाह चुना गया

कर्नाटक के शिमोगा जिले के यादव परिवार मे जन्म हुआ

लखनऊ,  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को श्री दत्तात्रेय होसबाले को पुन: तीन वर्ष के लिए सरकार्यवाह चुन लिया।  01 दिसम्बर, 1955 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुक के एक यादव परिवार मे इनका जन्म हुआ। इन्होंने अंग्रेज़ी विषय से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा ग्रहण की है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के तीन दिन के अधिवेशन के समापन दिवस के पूर्वाह्न के सत्र में वर्ष 2024-27 के सरकार्यवाह के दायित्व के लिए श्री होसबाले पुन: निर्वाचित हुए। श्री होसबाले वर्ष 2021 में पहली बार सरकार्यवाह निर्वाचित हुए थे और तब से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
अपराह्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि श्री होसबाले को सर्वानुमति से पुन: तीन वर्ष के लिए सरकार्यवाह के दायित्व के लिए चुना गया है।
श्री होसबाले ने कहा कि पिछली बार उन्हें बेंगलुरु में सरकार्यवाह का दायित्व दिया गया था। उनके मन में नागपुर में ही यह गुरुत्तर दायित्व लेने की इच्छा थी। पर कोविड के कारण प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर की जगह बेंगलुरु में आयोजित की गयी थी। लेकिन इस बार यह इच्छा भी पूरी हो गयी है। उन्होंने कहा, “मैं पुन: सभी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने पुन: मुझे इस गुरुत्तर दायित्व के योग्य समझा। संघ की जो परंपरा है, मार्गदर्शन है, मैं उस पर चलने का प्रयास करूंगा।”

दत्तात्रेय होसबळे 1968 में 13 वर्ष की अवस्था में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े। अगले 15 वर्षों तक ये परिषद् के संगठन महामंत्री रहे। ये सन् 1975-77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष आपने ‘मीसा’ के अंतर्गत जेलयात्रा भी की। जेल में इन्होंने दो हस्तलिखित पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् 1978 में नागपुर नगर सम्पर्क प्रमुख के रूप में विद्यार्थी परिषद् में पूर्णकालिक कार्यकर्ता हुए। विद्यार्थी परिषद् में आपने अनेक दायित्वों का निर्वहण करते हुए परिषद् के राष्ट्रीय संगठन-मंत्री के पद को सुशोभित किया। गुवाहाटी में युवा विकास केन्द्र के संचालन में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में विद्यार्थी परिषद् के कार्य-विस्तार का सम्पूर्ण श्रेय भी इनको है।

दत्तात्रेय होसबळे ने नेपालरूसइंग्लैण्डफ्रांस और अमेरिका की यात्राएँ की हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष की असंख्य बार प्रदक्षिणा की है। अभी कुछ दिनों पूर्व नेपाल में आए भीषण भूकम्प के बाद संघ द्वारा भेजी गयी राहत-सामग्री और राहतदल के प्रमुख के नाते आप नेपाल गए थे और वहाँ कई दिनों तक सेवा-कार्य किया था। वर्ष 2004 में ये संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बनाए गये। तत्पश्चात् 2008 से सह-सरकार्यवाह के पद पर कार्यरत हैं।

दत्तात्रेय होसबळे मातृभाषा कन्नड के अतिरिक्त अंग्रेज़ीहिन्दीसंस्कृततमिळमराठी, आदि अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ विद्वान हैं। आप लोकप्रिय कन्नड़-मासिक ‘असीमा’ के संस्थापक-संपादक हैं।

 

 

 

Related Articles

Back to top button