मुलायम सिंह यादव को लेकर, समाजवादी पार्टी ने बनाई ये खास योजना
लखनऊ, समाजवादी पार्टी अपने संस्थापक मुलायम सिंह यादव को लेकर बड़ी तैयारी कर रही है।
समाजवादी पार्टी ने नेताजी की आदमकद प्रतिमा तैयार कराने की योजना तैयार की है। नेताजी की पहली प्रतिमा सैफई में स्थापित किए जाने की बात कही जा रही है। इसके लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोएडा पहुंचकर पद्मभूषण मूर्तिकार रामसुतार से मुलाकात कर प्रतिमा बनाने की अपील की है। उन्होंने रामसुतार का स्टूडियो भी देखा।अखिलेश यादव ने रामसुतार को सैफई आने के लिए आमंत्रित किया है। प्रतिमा कितनी बड़ी इसका फैसला रामसुतार के सैफई जाने के बाद ही होगा।
सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी की ओर से एक से अधिक प्रतिमा बनाने का ऑर्डर दिए जा सकते हैं। मूर्तिकार रामसुतार को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह 95 वर्ष के हैं। उन्होने महात्मा गांधी की कई प्रतिमाओं के अलावा विश्व की सबसे ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा, चंबल देवी की मूर्ति समेत अनगिनत प्रतिमाएं तैयार की हैं।
मुलायम सिंह यादव भारत के बड़े समाजवादी और किसान नेता रहे हैं। एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन उत्तर प्रदेश में विधायक के रूप में शुरू किया। बहुत कम समय में ही मुलायम सिंह का प्रभाव पूरे उत्तर प्रदेश में नज़र आने लगा। मुलायम सिंह ने अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के सामाजिक स्तर को ऊपर करने में महत्वपूर्ण कार्य किया।सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में मुलायम सिंह ने साहसिक योगदान किया। मुलायम सिंह की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष नेता की है। उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी माना जाता है। उत्तर प्रदेश की सियासी दुनिया में मुलायम सिंह यादव को प्यार से नेता जी कहा जाता है।
मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मन्त्री बने। 1992में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मन्त्री भी रह चुके हैं।
यादव समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में मुलायम सिंह की पहचान है।अति पिछड़ों और वंचितों के बीच मुलायम सिंह यादव का मजबूत जनाधार था।