पिछड़े वर्ग में सबसे अधिक गरीब यादव जाति

लखनऊ, बिहार सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जातिगत सर्वे की आर्थिक और शैक्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है. सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछड़े वर्ग में सबसे अधिक गरीब यादव जाति है।

जातिगत सर्वे की आर्थिक और शैक्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक गरीब परिवार अनुसूचित जाति में हैं. अनुसूचित जाति में 42.93 प्रतिशत परिवार गरीब हैं. इसके बाद अनुसूचित जनजाति में 42.70 प्रतिशत परिवार गरीब हैं. पिछड़े वर्ग में 33.16 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़े वर्ग में 33.59 प्रतिशत, सामान्य वर्ग में 25.09 प्रतिशत परिवार गरीब हैं.

पिछड़े वर्ग में यादव सबसे गरीब जाति है. यादव जाति के कुल परिवारों में से 35.87 परिवार गरीब हैं जिसकी कुल परिवारों की संख्या 13 लाख 83 हजार 962 है. इसके बाद कुशवाहा का नंबर आता है. कुशवाहा जाति के कुल 34.32 प्रतिशत परिवार गरीब हैं. इन परिवारों की कुल संख्या 4 लाख 6 हजार 207 है.

सामान्य वर्ग में सबसे ज्यादा गरीब परिवारों की संख्या भूमिहार जाति में है. भूमिहार जाति के 27.58 प्रतिशत परिवार गरीब हैं जबकि ब्राह्मणों में 25.32 प्रतिशत, राजपूतों में 24.89 प्रतिशत परिवार गरीब हैं. भूमिहारों में कुल 2 लाख 31 हजार 211 परिवार गरीब हैं जो कुल परिवारों का 27.58 प्रतिशत हैं. इसके बाद सामान्य वर्ग में शेख का नंबर आता है. शेख जाति के कुल 25.84 प्रतिशत परिवार गरीब हैं जिसकी कुल संख्या 2 लाख 68 हजार 398 है. ब्राह्मण जाति में कुल 2 लाख 72 हजार 576 परिवार गरीब हैं जबकि राजपूत जाति में कुल 2 लाख 37 हजार 412 परिवार गरीब हैं. सवर्णों में सबसे अमीर जाति कायस्थ है. कायस्थ जाति के सिर्फ 13.83 प्रतिशत परिवार गरीब हैं.

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, जाति के हिसाब से सरकारी नौकरी में सबसे आगे कायस्थ जाति के लोग हैं. 6.68 प्रतिशत कायस्थ जाति के लोग सरकारी सेवा में हैं. इसके बाद भूमिहार का नंबर आता है. 4.9 प्रतिशत भूमिहार सरकारी नौकरी में हैं. राजपूत 3.81 प्रतिशत, ब्राह्मण 3.60 प्रतिशत, कुर्मी 3.11 प्रतिशत, सैयद 2.42 प्रतिशत, कुशवाहा 2.04 प्रतिशत, बनिया 1.96 प्रतिशत, मलिक मुस्लिम 1.39 प्रतिशत और यादव 1.55 प्रतिशत सरकारी सेवा में हैं.

 

 

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